कोरोना वायरस के इस संकटकाल में घर खरीदना पहले के मुकाबले काफी सस्ता हो गया है. हर दूसरे दिन किसी न किसी बैंक की ओर से होम लोन पर ब्याज दर कम करने का ऐलान किया जाता है.
अब पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने मौजूदा ग्राहकों के लिए कर्ज की दरों में 0.15 प्रतिशत की कटौती की है. यह कटौती पर्सनल होम लोन और संपत्ति के एवज में लिए गए लोन, दोनों के लिए होगी. लोन की नई दर 9 मई से लागू होगी.
क्या कहा बैंक ने...
बैंक ने बयान में कहा कि यह कटौती उन सभी मौजूदा रिटेल ग्राहकों को उपलब्ध होगी, जिन्होंने फरवरी, 2020 से पहले फ्लोटिंग दर पर कर्ज लिया है.
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के सीईओ नीरज व्यास ने कहा, ‘‘हमने मौजूदा कोविड-19 संकट के दौरान ग्राहकों को राहत देने के लिए यह कदम उठाया है. इससे हाउसिंग सेक्टर में वृद्धि में भी मदद मिलेगी. इसका लाभ हमारे 2.35 लाख ग्राहकों को मिलेगा, बेशक उनके लोन की मूल राशि कितनी भी हो.’’
बता दें कि कंपनी अपने रिटेल ग्राहकों को होम लोन देती है. इसके अलावा कंपनी रीयल एस्टेट डेवलपर्स को निर्माण के लिए भी कर्ज देती है.
यूनियन बैंक ने भी दी राहत
सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने मार्जिन कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में कटौती की है. यह कटौती 11 मई से प्रभावी होगी. जुलाई, 2019 के बाद से बैंक ने एमसीएलआर में लगातार 11वीं बार कटौती की है.
बैंक के मुताबिक एक साल की एमसीएलआर को 0.05 फीसदी घटाकर 7.75 से 7.70 प्रतिशत किया गया है. एक साल की अवधि की एमसीएलआर दर ही व्यक्तिगत, कार और होम लोन जैसे कर्ज के लिए प्रमुख आधार होती हैं.
क्या होता है एमसीएलआर?
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई एक पद्धति है. इसके तहत कॉमर्शियल बैंक लोन की ब्याज दर तय करते हैं. ये दर आरबीआई के रेपो रेट से प्रभावित है. अगर आरबीआई रेपो रेट कम करता है तो बैंकों पर एमसीएलआर कम करने का दबाव बढ़ता है.
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