बुधवार, 6 मई 2020

जयपुर में प्लाज्मा थैरेपी से दो मरीज ठीक हुए; मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा- हमें 10 हजार करोड़ का नुकसान, बिना प्रोत्साहन पैकेज के राज्य कैसे चलेगा



  • जयपुर का एसएमएस प्लाज्मा थेरेपी से कोराेना का सफल इलाज करने वाला प्रदेश का पहला अस्पताल बना 

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- सिर्फ उन्हीं श्रमिकों के आवागमन को अनुमति दी जाएगी, जो अन्य राज्यों में फंसे हैं


जयपुर के सवाई माधौसिंह अस्पताल (एसएमएस) में दो कोरोना मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी का ट्रायल किया गया था। इसमें 100% सफलता मिली है। दोनों ही मरीज अब स्वस्थ हो गए हैं। इधर, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमें 10 हजार करोड़ से ज्यादा के राजस्व का नुकसान हुआ है। ऐसे में केंद्र अगर प्रोत्साहन पैकेज नहीं देगा तो राज्य और देश कैसे चलेंगे। 


राजस्थान में लॉकडाउन फेज 3 के तीसरे दिन 35 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। इनमें जयपुर में 22, पाली में 7, डूंगरपुर और अजमेर में 2-2, अलवर और चित्तौड़गढ़ में 1-1 संक्रमित मिला। संक्रमितों का आंकड़ा 3193 पहुंच गया है। सवाई माधोपुर में एक व्यक्ति की मौत के बाद मृतकों की संख्या 90 हो गई है।


लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों के अलावा अन्य प्रवासी अभी धैर्य रखें : गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में नई गाइडलाइन काे लेकर फैसला किया गया। गहलोत ने कहा- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइन में सिर्फ उन्हीं श्रमिकों एवं अन्य लोगों को अंतरराज्यीय आवागमन के लिए अनुमति दी है, जो लाॅकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे हैं। जो लोग कार्यस्थल पर आराम से रह रहे हैं और सिर्फ घर जाने की इच्छा रखते हैं, उन्हें घर जाने की इजाजत नहीं है।



जयपुर रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाले हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग हो रही। यहां ट्रेन से अन्य राज्यों के लिए आवागमन करने वाले श्रमिक ही अभी यात्रा कर रहे हैं।


33 में से 29 जिलों में पहुंचा कोरोना


प्रदेश में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस जयपुर में हैं। यहां 1073 (2 इटली के नागरिक) संक्रमित हैं। इसके अलावा जोधपुर में 809 (इनमें 47 ईरान से आए), कोटा में 221, अजमेर में 179, टोंक में 136, भरतपुर में 115, नागौर में 119, बांसवाड़ा में 66, जैसलमेर में 49 (इनमें 14 ईरान से आए), झुंझुनूं में 42, झालावाड़ में 42, बीकानेर में 38, भीलवाड़ा में 39, मरीज मिले हैं। 


जयपुर: गृह क्लेश में महिला ने खुदकुशी की, मौत के बाद कोरोना निकला


शहर में जिन 4 मृतकों की रिपोर्ट पॉजिटिव है, उनमें पुराना जालूपुरा स्थित नुरानी मस्जिद के पास रहने वाली 22 साल की विवाहिता भी है। महिला ने घरेलू कलह से तंग आकर सोमवार को आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने शव को एसएमएस हॉस्पिटल पहुंचाया। यहां उसका कोरोना टेस्ट किया गया था, जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को पॉजिटिव आई। पुलिस ने परिवार के 10 लोगों को जगतपुरा स्थित क्वारैंटाइन सेंटर जबकि 6 को होम होमक्वारैंटाइन किया है। इस क्षेत्र में पहले से कर्फ्यू लगा है।


जोधपुर: मोहम्मद रशीद पहले व्यक्ति, जिनकी मौत सिर्फ कोरोना से हुई
खेतानाडी के 55 वर्षीय मोहम्मद रशीद 16 अप्रैल को बुखार व सर्दी की शिकायत के बाद इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे थे। तब उन्हें कोरोना संदिग्ध मानकर भर्ती करने के साथ सैंपल भी लिया गया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उन्हें कोरोना के अलावा कोई दूसरी बीमारी नहीं थी। ऐसा पहली बार हुआ, जब सिर्फ कोरोना संक्रमण से किसी की जान गई। इनके अलावा सभी 14 मृतकों को कोरोना के साथ बीपी, शुगर, हार्ट व किडनी से जुड़ी बीमारियां थीं। 


रशीद के तीन रिपीट टेस्ट भी पॉजिटिव आए थे


35 दिन चले इलाज के दौरान रशीद के 3 रिपीट टेस्ट भी पॉजिटिव आए थे। सांस लेने में लगातार परेशानी बढ़ने पर उन्हें पहले ऑक्सीजन, फिर हाई फ्लो मास्क एनआईवी पर रखा गया। मंगलवार सुबह 11 बजे अचानक हालत बिगड़ गई, तब उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और दोपहर 12:25 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया।


कोटा में 200 कोरोना पॉजिटिव मरीज, इनमें सौ स्वस्थ होकर घर लौटे
कोटा में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 200 हो गई। अच्छी खबर यह है कि 100 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। कोटा के नए अस्पताल से मंगलवार को 18 और मरीज डिस्चार्ज किए गए।


अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील ने बताया कि डिस्चार्ज किए गए मरीजों में 14 चंद्रघटा, 2 मकबरा और 2 पाटनपोल के रहने वाले हैं। अब हमारे यहां 73 मरीज बचे हैं, जिनकी दो रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। इन्हें भी तय समय पर डिस्चार्ज किया जाएगा।


भरतपुर के बयाना के 11 साल के बच्चे का 16 दिन में लगातार 5वां सैंपल पॉजिटिव
भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में इलाज करा रहे 11 साल के बच्चे की लगातार पांचवीं कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। यह राजस्थान में दूसरा ऐसा मामला है, जिसमें इलाज के बाद भी इतनी लंबी अवधि तक किसी मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इससे पहले जोधपुर में ऐसा केस सामने आ चुका है। वहां 61 साल के बुजुर्ग 39 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे। उनका लगातार 5वां सैंपल पॉजिटिव आया और छठी बार में रिपोर्ट निगेटिव आई।


भरतपुर के केस को लेकर विशेषज्ञ भी हैरान हैं। उनके अनुसार किसी रोगी में 14 दिन बाद भी कोरोनावायरस मिलना असामान्य है। आम तौर पर अस्पताल में भर्ती मरीजों की 5वें, 7वें या 9वें दिन लिए गए सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आने लगती हैं।


 


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