तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जे के साथ ही उसके हाथ अमेरिकी हथियारों का जख़ीरा भी लग गया है.
अंग्रेज़ी अख़बार 'हिंदुस्तान टाइम्स' की ख़बर के मुताबिक व्हाइट हाउस ने मंगलवार को माना है कि तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े के बाद बड़ी संख्या में अमेरिकी हथियार इकट्ठा कर लिए हैं.
सामने आई कुछ तस्वीरों और वीडियो में तालिबान चरमपंथी उन हथियारों और सैन्य गाड़ियों के साथ नज़र आ रहे हैं जो अमेरिकी सैनिक इस्तेमाल करते थे या जो अफग़ानिस्तान के सुरक्षा बलों को दिए गए थे.
इनमें कंधार एयरपोर्ट पर मौजूद अत्याधुनिक यूएच-60 ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर और अन्य उपकरण भी शामिल हैं.
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, "सभी सैन्य सामान कहां गए ये अभी तक स्पष्ट नहीं है. लेकिन निश्चित रूप से इसका एक बड़ा हिस्सा तालिबान के हाथ लग गया है. हमें अंदाज़ा नहीं है कि वो ये सब अमेरिका को लौटाने के लिए तैयार होंगे."
जेक सुलिवन ने कहा कि लाखों डॉलर के सैन्य हथियारों को दुश्मन के पास छोड़ना दिखाता है कि 20 साल की जंग को ख़त्म करने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने कितनी मुश्किल स्थिति थी.
उन्होंने बताया कि तालिबान चरमपंथियों से लड़ने के लिए अफ़ग़ान सरकार को ब्लैक हॉक दिये गये थे. लेकिन सरकारी सुरक्षा बलों ने तालिबान के सामने इतनी जल्दी हार मान ली और हथियारों के बड़े जख़ीरे व हेलिकॉप्टर्स को तालिबान के हवाले कर दिया.
शशि थरूर ने कहा भ्रमित मलयाली तालिबान में शामिल हुए, छिड़ा विवाद
कांग्रेस सासंद शशि थरूर ने तालिबान के वीडियो में दिख रहे दो लोगों को मलयाली बताकर विवाद छेड़ दिया है.
अंग्रेज़ी अख़बार 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया लिखता' है कि अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्ज़े के बाद खुशी से रोते हुए दो चरमपंथियों का वीडियो सामने आया था.
इस पर शशि थरूर ने ट्वीट किया, "इन्हें सुनकर ऐसा लगता है कि जैसे दो मलयाली तालिबान हैं."
उन्होंने लिखा कि वीडियो के आठवें सैकेंड में जो बोला गया है उसे दो लोग समझ रहे हैं और इससे ये मलयाली लग रहे हैं.
पोस्ट Twitter समाप्त, 1
ये वीडियो 'रमीज़' नाम के एक यूज़र ने शेयर किया था जिसे फिर से शेयर करते हुए शशि थरूर ने ट्वीट किया.
इस पर रमीज़ ने शशि थरूर को लिखा कि ये मलयाली नहीं हैं. उन्होंने बताया, "ये ज़ाबुल प्रांत से बलोच हैं जो ब्राह्मी भाषा बोलते हैं. ये एक द्रविड़ भाषा है जो तेलुगू, तमिल, मलयालम से मिलती-जुलती है."
रमीज़ के जवाब में शशि थरूर ने लिखा, "दिलचस्प व्याख्या. इसका पता लगाने के लिए इसे भाषाविदों पर छोड़ दें. लेकिन, ऐसे भ्रमित मलयाली रहे हैं जो तालिबान में शामिल हो गए हैं. इसकी संभावना को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता."
इसके बाद बीजेपी ने शशि थरूर पर हमला बोल दिया. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि शशि थरूर को केरल को आंतक से जोड़ने पर शर्म आनी चाहिए.
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि शशि थरूर पहले भी हिंदू तालिबान और हिंदू पाकिस्तान जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं जो भारत की छवि ख़राब करता है.
असम-मिज़ोरम सीमा पर फिर से फ़ायरिंग
असम और मिज़ोरम सीमा पर पहले से ही चल रहे तनाव के बीच मंगलवार को एक बार फिर फ़ायरिंग की घटना हुई है. अंग्रेज़ी अख़बार 'द इंडियन एक्सप्रेस' में ये ख़बर दी गई है.
मिज़ोरम पुलिस ने आरोप लगाया है कि असम पुलिस ने मिज़ोरम के तीन नागरिकों पर फ़ायरिंग की है. इसमें एक शख़्स घायल हो गया है. ये फ़ायरिंग असम के हेलाकांडी और मिज़ोरम के कोलासिब ज़िलों की सीमा पर हुई है.
जबकि असम पुलिस का कहना है कि पहले मिज़ोरम की तरफ से फ़ायरिंग हुई थी जिसके चलते असम पुलिस को भी जवाबी फ़ायरिंग करनी पड़ी.
क़रीब तीन हफ़्ते पहले दोनों राज्यों की सीमा पर हिंसा भड़कने से असम पुलिस के पांच जवानों की मौत हो गई थी.
कोलासिब ज़िले के उपायुक्त के मुताबिक तीन लोग अपने दोस्त से मीट की सामान्य आपूर्ति के लिए वैरेंग्टे से कोलासिब जा रहे थे. उनका दोस्त हेलाकांडी ज़िले के बिलाईपुर में सीमा के नज़दीक रहता है. इलाक़े में पहुंचने पर तीनों ने सीटी बजाने कि आवाज़ सुनी. उन्होंने देखा तो असम पुलिस थी जो सीमा पर ड्यूटी दे रही थी. पुलिस ने अंधेरे में ही उन पर फ़ायरिंग शुरू कर दी.
जबकी हेलकांडी ज़िले के अधिकारी के मुताबिक असम पुलिस मिज़ोरम सीमा के नज़दीक एक पहाड़ी पर गश्त दे रही थी. रात क़रीब दो बजे पुलिस अधिकारियों को लगा कि कुछ लोग संदिग्ध तरीक़े से इलाक़े में घुस रहे हैं. अधिकारियों ने उनसे पहचान दिखाने के लिए कहा तो उन्होंने अचानक गोली चला दी. इसके जवाब में असम पुलिस को भी गोली चलानी पड़ी, लेकिन अंधेरे में वो लोग भाग निकले.
इसके बाद कई दिन तक दोनों राज्यों के बीच तनाव की स्थिति बनी रही. सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों राज्यों के नेतृत्व के बीच बातचीत चल रही है.
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