रविवार, 7 फ़रवरी 2021

 

Accident होते ही Ambulance को हो जाएगी खबर, हाईटेक सिस्टम बनाने में जुटा Ministry of Road Transport and Highways

Accident On Highways: सड़क दुर्घटना होते ही रियल टाइम इन्फॉर्मेशन मिलेगी. जल्द ही सड़क दुर्घटना के शिकार हुए लोगों के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम शुरू होगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव ने कहा कि इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बात चल रही है.


सड़क दुर्घटना (Accident) होने के बाद तुरंत घायल को इलाज मिल पाए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) इसके लिए एक महत्वपूर्ण योजना पर काम कर रहा है. ऐसी तकनीक तैयार की जा रही है जिससे नेशनल हाइवे पर हादसा होने के बाद तुरंत पुलिस और एंबुलेंस (Ambulance) को खबर हो जाए.

बता दें कि इस व्यवस्था में एंबुलेंस (Ambulance) जीपीएस सिस्टम (GPS System) से लैस होगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस वक्त सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई नई योजनाओं पर काम कर रहा है. मंत्रालय देशभर के एनआईटी (NIT) और आईआईटी (IIT) जैसे इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ मिलकर सड़क हादसों को रोकने पर काम कर रहा है.

इस मैकेनिज्म से घायलों को तुरंत मिलेगा इलाज

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) के सचिव गिरिधर अरमने ने बताया कि रोड सेफ्टी के लिए इमरजेंसी रिस्पॉन्स मैकेनिज्म पर काम किया जा रहा है. एंबुलेंस, हॉस्पिटल और पुलिस कंट्रोल रूम के एक साथ जुड़ने से सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को तुरंत इलाज मिल पाएगा. इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में भी सुविधा होगी.

गिरिधर अरमने ने कहा कि दुर्घटना होते ही रियल टाइम इन्फॉर्मेशन मिलेगी. जल्द ही सड़क दुर्घटना के शिकार हुए लोगों के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम शुरू होगी. इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बात चल रही है.

नए नियमों से कम हुए हादसे


बता दें कि इस व्यवस्था में एंबुलेंस (Ambulance) जीपीएस सिस्टम (GPS System) से लैस होगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस वक्त सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई नई योजनाओं पर काम कर रहा है. मंत्रालय देशभर के एनआईटी (NIT) और आईआईटी (IIT) जैसे इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ मिलकर सड़क हादसों को रोकने पर काम कर रहा है.

मंत्रालय का मानना है कि यातायात नियमों का पालन ना करने पर मोटे जुर्माने और कई अन्य व्यवस्थाओं के चलते सड़कों पर वाहन चलाते समय लोग सावधानी बरतने लगे हैं. जिससे सड़क हादसों में कमी आई है. हालांकि, भारत अब भी सबसे ज्यादा सड़क हादसे वाले देशों में शुमार है.

देश में सड़क हादसों को कम करने के लिए मंत्रालय इन दिनों विश्व बैंक की मदद से इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट्स प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है. ब्लैक स्पॉट्स भी चिन्हित किए जा रहे हैं, जहां रोड सेफ्टी से जुड़े प्रबंध हो रहे हैं.

वाहन बनाने वाली कंपनियों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के सुरक्षा मानदंडों का पालन करने का निर्देश है. सड़कों की डिजाइनिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है, ताकि सड़क हादसे रुक सकें

मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम आने से पीड़ित परिवारों को काफी फायदा होगा. यह योजना सुप्रीम कोर्ट की इच्छा के अनुसार लाई जा रही है. सूत्रों का कहना है कि योजना लॉन्च होने के बाद सड़क हादसे के शिकार लोगों का ढाई लाख तक का इलाज मुफ्त हो सकेगा.


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें