शुक्रवार, 5 जून 2020

जून के मध्य तक दुनिया में चौथा सर्वाधिक कोरोना मरीजों का देश होगा भारत

भारत दुनिया में सबसे कम टेस्टिंग दर वाले देशों में से एक बना हुआ है. हर दिन 8,000 से ज्यादा नए केस सामने आने के बावजूद देश में हर दस लाख की आबादी पर सिर्फ 80 लोगों का टेस्ट हो रहा है.




  • देश में हर 10 लाख की आबादी पर सिर्फ 80 लोगों का हो रहा है टेस्ट

  • मध्यम आय वाले पेरू से भी कम लोगों का भारत में हो रहा कोरोना टेस्ट


इस हफ्ते भारत ने 2 लाख कोरोना वायरस केस का आंकड़ा पार किया और दुनिया में सर्वाधिक प्रभावित देशों में 7वें नंबर पर पहुंच गया. इसी दर पर भारत दो हफ्ते में चौथा सर्वाधिक प्रभावित देश बन जाएगा.


भारत में हर दिन सामने आने वाले केसों की संख्या चिंताजनक ढंग से बढ़ रही है. 29 मई से देश में हर दिन 8,000 से ज्यादा केस रिपोर्ट हुए. मंगलवार 2 जून को देश में कुल केसों का आंकड़ा दो लाख पार कर गया. हालांकि देश में केस दोगुने होने की रफ्तार में कमी आई है. अब केस हर 15 दिन में दोगुने हो रहे हैं.



वैश्विक स्तर पर भारत की अब क्या स्थिति है?


कुल केसों की संख्या को लेकर भारत ने ईरान, जर्मनी और फ्रांस को पीछे छोड़ दिया है और अब सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में 7वें स्थान पर आ गया है. लेकिन पिछले एक हफ्ते से इसने हर दिन चौथे सर्वाधिक केस जोड़े हैं. इस मामले में भारत से सिर्फ ब्राजील, अमेरिका और रूस ही आगे रहे हैं.



बीते हफ्ते की तरह अगर जुड़ने वाले नए केसों की संख्या ऐसी ही बनी रही, तो भारत इस हफ्ते के आखिर तक इटली और स्पेन से आगे निकल जाएगा और जून के मध्य तक ब्रिटेन को भी पीछे छोड़ देगा. भारत में केसों की बढ़ती संख्या और यूरोप में महामारी का फैलाव कम होने को देखें, तो ये स्थिति पहले भी आने की संभावना है.



भारत दुनिया में सबसे कम टेस्टिंग दर वाले देशों में से एक बना हुआ है. हर दिन 8,000 से ज्यादा नए केस सामने आने के बावजूद देश में हर दस लाख की आबादी पर सिर्फ 80 लोगों का टेस्ट हो रहा है.


इसके मायने है कि भारत मध्यम आय वाले पेरू की तुलना में भी कम लोगों का टेस्ट कर रहा है. अगर भारत हर दिन टेस्ट की संख्या को हर दस लाख लोगों पर 2,000 के स्तर पर ले जाए जैसा कि रूस कर रहा है, तो बहुत संभावना है कि भारत में खोजे जाने वाले नए केसों की संख्या मौजूदा स्तर से कहीं ज्यादा बढ़ जाए.


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