सार
19वीं सदी में डॉ इग्नाज ने बताए हाथ धोने के लाभ
अज्ञात बीमारी से लोगों की मौतें ज्यादा हो रही थी
हाथ धोने को प्रचलन में ला कर मृत्युदर पर लगाई रोक
विस्तार
पूरी दुनिया को इस समय एक ही चिंता है कि आखिर कोरोना से बचने के लिए क्या-क्या उपाय किए जाएं। पांच महीने अस्तित्व में आने के बाद भी कोरोना की वैक्सीन का पता नहीं लगाया जा सका है। समस्त विश्व वैक्सीन ढूंढने में लगभग एक से डेढ़ साल का समय लग जाएगा।
जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं मिलती है तब तक घरेलू उपचार या दैनिक साफ-सफाई से ही कोरोना से बचा जा सकता है। कोरोना से बचने के लिए पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका हाथ धोना बताया गया है।
कोरोना वायरस शरीर के अंदर ना प्रवेश करें इसके लिए समय-समय पर 20 से 40 सेकंड तक अच्छे से हाथ धोएं। लेकिन 19वीं सदी में यह बात किसी को पता नहीं था कि हाथ में मौजूद इन जीवाणुओं और विषाणुओं से बीमारियां फैलती हैं।
तब डॉ इग्नाज सेमेल्विस नाम के एक शख्स ने हाथ धोने के फायदों की खोज की और लगातार होने वाली मौतों पर रोक लगाने में सफलता हासिल की। बता दें कि 19वीं सदी के मध्य में एक ऐसा दौर आया था जब एक अज्ञात बीमारी से लोग मर रहे थे।
उस समय हाथ धोना इतना प्रचलित नहीं था, तब डॉ सेमेल्विस ने प्रस्ताव रखा कि सबसे पहले डॉक्टर हाथ साफ रखना शुरू करेंगे। इसके बाद हाथ धोने की व्यवस्था लागू करने के बाद मृत्युदर में तेजी से गिरावट हुई।
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