मंगलवार, 16 जून 2020

कोरोना से हुए थे बीमार, लेकिन इतने लोगों में नहीं मिली कोई एंटीबॉडीज


कोरोना वायरस से बीमार हुए कुछ मरीजों में एंटीबॉडीज नहीं मिली हैं. ब्रिटेन की लंदन यूनिवर्सिटी और सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट और लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन के एक्सपर्ट्स की स्टडी में ये जानकारी मिली है. इस स्टडी के बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि ये पता लगाना मुश्किल हो सकता है कि कौन-कौन लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं.


स्टडी के लिए एक्सपर्ट्स ने कोरोना से बीमार हुए 177 लोगों के टेस्ट के रिजल्ट का विश्लेषण किया. news.sky.com की रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स ने पाया कि 2 से 8.5 फीसदी मरीजों में कोरोना एंटीबॉडीज डेवलप नहीं हुई हैं.


हालांकि, ये स्टडी अभी प्रकाशित नहीं हुई है और न ही अन्य एक्सपर्ट्स ने इसकी समीक्षा की है. स्टडी में ये भी पता चला है कि जिन मरीजों में कोरोना की एंटीबॉडीज डेवलप हुईं उनमें करीब दो महीने तक एंटीबॉडीज समान रूप से मौजूद रहीं. रिसर्चर्स का कहना है कि संभवत: ऐसे लोगों में 2 महीने बाद भी ये एंटीबॉडीज मौजूद होंगी.


एक्सपर्ट्स का कहना है कि 2 से 8.5 फीसदी मरीजों में कोरोना एंटीबॉडीज डेवलप होने के पीछे वजह ये हो सकती है कि उनका इम्यून रेस्पॉन्स अलग तरीके से हुआ हो. स्टडी में ये भी पता चला कि कोरोना से गंभीर रूप से बीमार होने वाले मरीजों में एंटीबॉडी डेवलप होने की संभावना अधिक है.


इस स्टडी के बावजूद दुनियाभर के एक्सपर्ट्स फिलहाल किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके हैं कि आमतौर पर कोरोना से बीमार होने पर इम्यूनिटी का लेवल कितना होता है और कितने समय तक रहता है.


हालांकि, बीते महीने ब्रिटेन में सरकार ने घोषणा की थी कि वह एक करोड़ एंटीबॉडी टेस्ट किट मंगा रही है. सरकार ने कहा था कि एंटीबॉडी टेस्ट से ये पता चलेगा कि कितने लोग वायरस से इम्यून हो चुके हैं.


 


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