कोरोना की वजह से विदेश में फंसे भारतीयों को लाने का काम शुरू हो चुका है. वंदे भारत मिशन से जुड़े सूत्रों के अनुसार खाड़ी देशों से 27 उड़ानें, बांग्लादेश से 7, दक्षिण-पूर्व एशिया से 14, अमेरिका के 4 हवाई अड्डों से 7 उड़ानें और लंदन से 7 उड़ानें भारत के लिए रवाना होने वाली हैं.
- स्वदेश वापसी के लिए 67,833 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया
- 1 हफ्ते में 14 शहरों में 64 जहाजों के लैंड करने की उम्मीद
- अब तक 4 जहाज स्वदेश पहुंचे, ढाका से JK पहुंचे 168 छात्र
कोरोना की वजह से दुनिया के अन्य देशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए वंदे भारत मिशन शुरू हो गया है. स्वदेश वापसी के लिए शुरू किए गए विशेष विमानों से जुड़े सूत्रों ने बताया पहली उड़ान के मामले में प्रवासी मजदूरों और गर्भवती महिलाओं से जुड़ी समस्याएं आईं तो अब कोशिश की जा रही है कि जहाज छोटे एयरपोर्ट्स पर भी उतारे जाएं, ताकि लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो.
सूत्रों के अनुसार, प्रवासियों को लेकर 12 देशों से फ्लाइट्स आ रही हैं और देश के 14 शहरों में 64 फ्लाइट्स लैंड करेंगी. ये फ्लाइट्स छोटे एयरपोर्ट्स पर भी लैंड करेंगे और इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि लोग अपने घर के करीब जगह पर उतरें.
खाड़ी देशों से 27 उड़ान
विशेष उड़ान से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अब तक 4 विशेष प्रत्यावर्तन उड़ान लैंड कर चुके है. दुबई से 2 जहाज आए, जिसमें 181 और 182 यात्री सवार थे. सिंगापुर से 234 यात्रियों से भरा जहाज और जम्मू-कश्मीर के 168 छात्रों को लेकर जहाज ढाका से भारत पहुंचा.
सूत्रों के अनुसार खाड़ी देशों से 27 उड़ानें, संयुक्त अरब अमीरात से 11, पड़ोसी देश बांग्लादेश से 7, दक्षिण-पूर्व एशिया से 14, अमेरिका के 4 हवाई अड्डों से 7 उड़ानें और लंदन से 7 उड़ानें भारत के लिए रवाना होने वाली हैं.
मालदीव से भारतीयों के प्रत्यावर्तन के मामले में सूत्र ने बताया कि आईएनएस मगर 10 मई को भारत पहुंचेगा और 12 मई को कोच्चि पहुंचेगा.
34 फीसदी छात्रों ने किया आवेदन
विदेश में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए चलाए गए अभियान में बारे में सूत्र ने बताया कि विशेष विमान पर उड़ान भरने के लिए 67,833 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिसमें 34% छात्र, 30% प्रवासी, अल्पकालिक वीजा धारक और आपातकालीन चिकित्सा उपचार शामिल हैं.
नमें सबसे ज्यादा संख्या केरल जाने वालों की है. केरल जाने के लिए अधिकतम 25,000 लोगों ने तो 6 हजार लोगों ने तमिलनाडु जाने के लिए आवेदान किया है. इसके बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान का नंबर आता है.
सूत्र बताते हैं कि 15 मई से दूसरा हफ्ता रूस, सीआईएस, यूक्रेन, थाईलैंड, स्पेन और जर्मनी पर केंद्रित रहेगा. विशेष विमान शुरू करने के दूसरे हफ्ते में फीडर उड़ानें भी देखी जाएंगी. सूत्र बताते हैं कि वंदे भारत मिशन का विस्तार 15 मई से शुरू किया जाएगा. जिसमें कई और देशों को शामिल करने के लिए यूरोप को शामिल किया जाना है.
क्या है वंदे भारत मिशन
भारत सरकार ने चरणबद्ध तरीके से विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी की सुविधा के लिए 7 मई, 2020 को वंदे भारत मिशन के तहत परिचालन शुरू किया.
प्रवासियों को लाने के लिए एयर इंडिया की ओर से गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ान भरे जा रहे हैं, इसी तरह भारतीय नौसेना के जहाज भी भारतीयों को लाने का काम कर रहे हैं.
7 से 15 मई तक 1 हफ्ते के दौरान 12 देशों के करीब 15,000 भारतीयों को लाने के लिए 64 उड़ानों चलाई जाएंगी. इनमें से इस दौरान देशभर में 14 हवाई अड्डों पर लोगों को लैंड कराए जाने की उम्मीद है.
अब तक, भारत में 4 उड़ानें लैंड कर चुकी हैं. 7 मई को 181 यात्रियों के साथ अबूधाबी से कोच्चि के लिए एयर इंडिया का जहाज (IX-452) और 182 यात्रियों के साथ दुबई से कोझीकोड के लिए एयर इंडिया का जहाज (IX-344) लैंड किया. यूएई से रवाना होने से पहले सभी यात्रियों का रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट किया गया.
8 मई को AI 381 विमान ने 234 यात्रियों के साथ सिंगापुर से दिल्ली और AI 1242 ने 168 यात्रियों के साथ ढाका से श्रीनगर लैंड किया.
अमेरिका के 4 एय़रपोर्ट से 7 उड़ान
इस 1 हफ्ते के दौरान खाड़ी क्षेत्र से कुल 27 उड़ानें उड़ान भरेंगी जिसमें यूएई से 11 (2 पहले से ही लैंड कर चुकी है), सऊदी अरब से 5, कुवैत से 5, बहरीन से 2, कतर से 2 और ओमान से 2 विमान आएंगे.
इसी तरह इस दौरान अमेरिका के 4 हवाई अड्डों (न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी, शिकागो और सैन फ्रांसिस्को) से 7 उड़ानें उड़ान भरेंगी. 7 अन्य उड़ानें लंदन से उड़ान भरेंगी.
देशभर में 1 हफ्ते के उड़ान के दौरान 14 हवाई अड्डों पर जहाज लैंड करने की उम्मीद है जिसमें दिल्ली (10 उड़ानें), हैदराबाद (9), कोच्चि (9), कोझीकोड (4), त्रिवेंद्रम (1), कन्नूर (1), चेन्नई (9) ), त्रिची (1), अहमदाबाद (5), मुंबई (4), श्रीनगर (3)। बेंगलुरु (4), लखनऊ (1) और अमृतसर (1) एयरपोर्ट शामिल है.
3 हजार से ज्यादा गर्भवती महिला और बुजुर्ग
विदेश मंत्रालय ने इसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जिस पर भारतीय नागरिकों द्वारा वापसी के लिए अनुरोध प्राप्त किए जा रहे हैं.
अब तक, वापसी के लिए कुल 67,833 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, इनमें छात्रों की संख्या (22,470 यानी 34%), प्रवासी श्रमिक (कुल का 30% यानी 15,815), चिकित्सा आपात सेवा के लिए गए अल्पकालिक वीजा धारकों को वीजा (9,250) शामिल हैं. इसके अलावा विदेश में फंसे पर्यटकों (4,147), गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों (3,041) और परिवार के एक सदस्य (1,112) की मौत के कारण लोगों ने वापसी के लिए आवेदन किया है.
अगर इसे राज्यवार आधार पर देखें तो केरल का नंबर सबसे आगे है. वहां से (25,246) के बाद तमिलनाडु (6,617), महाराष्ट्र (4,341), उत्तर प्रदेश (3,715), राजस्थान (3,320), तेलंगाना (2,796) , कर्नाटक (2,786), आंध्र प्रदेश (2,445), गुजरात (2,330) और दिल्ली (2,232) जाने के लिए आवेदन आया है.
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