बुधवार, 25 मार्च 2020

कोरोना वायरस: मोदी से अलग रास्ते पर क्यों हैं ट्रंप.........


मंगलवार 24 मार्च की रात आठ बजे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया. कई डॉक्टर और विशेषज्ञ ऐसे तर्क दे रहे थे कि भारत के पास इसके अलावा कोई चारा नहीं था.


लेकिन ठीक इसी समय इसके उलट अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक अलग ही राग अलाप रहे थे. मोदी से अलग ट्रंप का कहना है कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से देश चौपट हो सकता है.


लेकिन एक ओर जहाँ कोरोना वायरस तेज़ी से फैल रहा है और दुनियाभर में इसे लेकर गंभीर चिंताएँ प्रकट की जा रही हैं, वहीं ट्रंप का ये कहना कि अगले महीने के शुरू में अमरीका में 'सुंदर समय' आने वाला है.


ट्रंप का ये बयान ऐसे वक़्त आया है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अमरीका कोरोना का नया केंद्र बन रहा है.


अमरीका में अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 55000 मामले सामने आए हैं और 775 लोग मारे गए हैं. जबकि दुनियाभर में क़रीब 20 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है.


तो अमरीका के राष्ट्रपति ट्रंप के इस विश्वास की वजह क्या है? वो अमरीका को क्यों लॉकडाउन से बचाना चाहते हैं?



ट्रंप के दिमाग़ में क्या चल रहा है?


मंगलवार को फ़ॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने इस्टर से पहले देश में सामान्य स्थिति बहाल होनी की बात कही. इस्टर 12 अप्रैल को है.


उन्होंने कहा, "इस्टर मेरे लिए बहुत ख़ास दिन होता है. उस दिन आप देखेंगे कि पूरे देश में चर्च पूरी तरह भरे होंगे."


लेकिन अगली की लाइन में उनकी चिंता सामने आई और ये चिंता अमरीका की अर्थव्यवस्था को लेकर थी. इसके बाद व्हाइट हाउस की प्रेस ब्रीफिंग में भी उनकी यही लाइन जारी रही.


ट्रंप ने कहा कि अगर देश व्यापार और उद्योगों के लिए नहीं खुला, तो देश को भयानक मंदी से गुज़रना पड़ सकता है.


अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा- आप कई लोगों को खो देंगे. हो सकता है कि हज़ारों लोग आत्महत्या कर लें. देश में कई तरह की चीजें हो सकती हैं. देश में अस्थिरता हो सकती है.


माना जा रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप आर्थिक मंदी से होने वाले व्यापक नुक़सान को लेकर अधिक चिंतित हैं. ट्रंप का तर्क है कि वे कोई भी फ़ैसला तथ्यों के आधार पर करेंगे.



व्हाइट हाउस को ये पता था कि ट्रंप का ये बयान विवाद खड़ा कर सकता है कि जब न्यूयॉर्क में ऐसी स्थिति है, तो ट्रंप ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं. शायद इसलिए व्हाइट हाउस की उसी प्रेस ब्रीफ़िंग में संक्रमित बीमारी के बड़े विशेषज्ञ एंथनी फ़ाउची ने कहा कि न्यूयॉर्क में जो हो रहा है, उसकी अनदेखी का सवाल ही नहीं उठता.


एंथनी फ़ाउची व्हाइट हाउस की कोरोना पर गठित टास्क फ़ोर्स के सदस्य भी हैं. न्यूयॉर्क में कोरोना संक्रमण के 25 हज़ार मामले सामने आए हैं, तो पूरे अमरीका का आधा है.


बीबीसी के नॉर्थ अमरीकी रिपोर्टर एंथनी जर्चर के मुताबिक़ न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्योमो तो कई बार डोनाल्ड ट्रंप से भिड़ चुके हैं और ज़्यादा वेंटिलेटर की मांग कर चुके हैं.


एक ओर जहाँ डोनाल्ड ट्रंप पाबंदियों में ढील देने की बात कर रहे हैं, वहीं कई प्रांत लॉकडाउन की बात कर रहे हैं. मंगलवार को विस्कोंसिन, डेलावेयर, मासाच्युसेट्स, न्यू मैक्सिको, वेस्ट वर्जीनिया और इंडियाना में लोगों में घर में रहने का आदेश जारी किया गया है.


यानी अब अमरीका के 17 प्रांतों में लॉकडाउन की घोषणा हो चुकी है.



बिजनेस का गणित


अगर अमरीका की स्थिति दिनों दिन गंभीर होती जा रही है, तो ट्रंप का यह बयान किस ओर इशारा कर रहा है.


पिछले कई दिनों से अमरीकी अधिकारी कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार रोकने की बात कर रहे हैं. अमरीका हेल्थकेयर पर दबाव की भी बात की जा रही है. लेकिन साथ ही अर्थव्यवस्था के संकट को भी ज़ोर-शोर से सामने लाया जा रहा है.


पिछले सप्ताह अमरीका के वित्त मंत्री स्टीव म्नूचिन ने कहा था कि अमरीका में बेरोज़गारी 20 प्रतिशत तक जा सकती है.


गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक़ अमरीका के जीडीपी में दूसरी तिमाही में 24 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है. इससे पहले अमरीका में 1958 में जीडीपी में 10 प्रतिशत की गिरावट आई थी.


इन सबके बीच अमरीका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ये कहा कि अमरीका जल्द ही बिजनेस के लिए खोल दिया जाएगा.


रविवार को उन्होंने कहा था, ''हम समाधान को समस्या से ज़्यादा बदतर नहीं होने दे सकते. 15 दिनों के बाद हम ये फ़ैसला करेंगे कि हम किस ओर जाना चाहते हैं.''





छोड़िए ट्विटर पोस्ट @realDonaldTrump








Donald J. Trump
 

@realDonaldTrump



 




 

Our people want to return to work. They will practice Social Distancing and all else, and Seniors will be watched over protectively & lovingly. We can do two things together. THE CURE CANNOT BE WORSE (by far) THAN THE PROBLEM! Congress MUST ACT NOW. We will come back strong!







 


1.4 लाख लोग इस बारे में बात कर रहे हैं


 






 



 





पोस्ट ट्विटर समाप्त @realDonaldTrump






बीबीसी संवाददाता एंथनी जर्चर के मुताबिक़ ट्रंप समर्थकों का ये कहना है कि ट्रंप के राजनीतिक विरोधी कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था के नुक़सान को उनके ख़िलाफ़ इस्तेमाल कर सकते हैं.


इस समय अमरीका में दो तरह की राय खुल कर सामने आ रही है. एक वो राय है जिसे ट्रंप के समर्थन में सामने रखा जा रहा है, दूसरी राय कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कड़े क़दम उठाने की है.


ट्रंप की सरकार में भी कई लोग सोशल डिस्टेंसिंग की वक़ालत कर रहे हैं, तो साथ में ये भी कहा जा रहा है कि आर्थिक प्रभाव की अनदेखी नहीं की जा सकती.


सर्जन जनरल जेरोम एडम्स ने चेतावनी दी है कि अमरीका में कोरोना को लेकर अभी बुरा वक़्त आने वाला है.


उन्होंने कहा, '''मैं अमरीका को ये समझाना चाहता हूँ कि और बुरा वक़्त आने वाला है. अभी ज़्यादा लोग इस बात को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.'


अगर ट्रंप कुछ ढील देने की बात करते भी हैं, तो ये उनके लिए इतना आसान नहीं होगा. न्यूयॉर्क के गवर्नर से उनका विवाद किसी से छिपा नहीं है, अब बाक़ी प्रांत भी ट्रंप के ख़िलाफ़ आ सकते हैं.


सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ट्रंप ने कहा था- अगर हम डॉक्टरों को छोड़ दें, तो वे हर चीज़ बंद करने को कह सकते हैं. वे कह सकते हैं कि पूरी दुनिया को बंद कर दें. हम एक देश के साथ ऐसा नहीं कर सकते. ख़ासकर जब वो दुनिया की नंबर वन अर्थव्यवस्था हो.


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